पौड़ी गढ़वाल: हिमालय की गोद से निकले वैज्ञानिक डॉ. विक्रम सिंह नेगी ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश का मान बढ़ाया है। उन्हें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया (अमेरिका) द्वारा जारी वर्ष 2025 की वैश्विक वैज्ञानिक रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में स्थान मिला है।
डॉ. नेगी इस समय हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीजीआर परिसर, पौड़ी के वनस्पति विज्ञान विभाग से जुड़े हैं। उनका चयन इस वैश्विक सूची में उनके उत्कृष्ट शोध कार्य, वैज्ञानिक योगदान और अकादमिक प्रभाव के आधार पर किया गया है।

गांव से ग्लोबल तक का सफर
डॉ. नेगी मूल रूप से उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगर प्रखंड के कौब गांव के निवासी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय, चमोली से प्राप्त की और फिर स्नातक, परास्नातक और पीएचडी की पढ़ाई HNBGU से ही पूरी की। एक सच्चे हिमालय पुत्र की तरह उन्होंने अपनी वैज्ञानिक यात्रा की दिशा हिमालयी पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय सरोकारों की ओर मोड़ी।
20 वर्षों से अधिक का शोध अनुभव, 174 से अधिक वैज्ञानिक प्रकाशन
डॉ. नेगी ने GB पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान में लगभग दो दशकों तक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया। 2024 में वे HNBGU पौड़ी परिसर से जुड़े। उनके 174 से अधिक वैज्ञानिक प्रकाशन हैं…जिनमें 105 शोधपत्र, 29 पुस्तक अध्याय, 2 पुस्तकें और दर्जनों लोकप्रिय लेख व मैनुअल शामिल हैं।
उनका शोध कार्य जैव विविधता संरक्षण, पारिस्थितिकी पुनरुद्धार जलवायु परिवर्तन, औषधीय पौधों की खेती व संरक्षण, और पर्यावरण शिक्षा जैसे विषयों पर केंद्रित रहा है।
हिमालयी पारिस्थितिकी के प्रहरी
डॉ. नेगी ने 7 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। इनमें प्रमुख हैं:
हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के सतत विकास के लिए राष्ट्रीय मिशन
कैलाश सैक्रेड लैंडस्केप संरक्षण एवं विकास पहल (भारत-नेपाल-चीन के सहयोग से)
इन परियोजनाओं में उनका योगदान वैज्ञानिक और कूटनीतिक, दोनों स्तरों पर प्रशंसनीय रहा है।
सम्मान और उपलब्धियां
डॉ. नेगी को समय-समय पर कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया है, जिनमें शामिल हैं…..
भारतीय विज्ञान कांग्रेस (2019) – सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार
चीनी विज्ञान अकादमी (2014) – इंटरनेशनल रिसर्च फेलोशिप
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार (2013) – फास्ट ट्रैक युवा वैज्ञानिक पुरस्कार
यूकोस्ट उत्तराखंड (2012) – युवा वैज्ञानिक सम्मान
विनम्रता से बोले डॉ. नेगी: मैं अपने मार्गदर्शकों प्रो. आर.के. मैखुरी, स्व. डॉ. रणवीर रावल और डॉ. आई.डी. भट्ट का हृदय से आभारी हूँ…जिन्होंने सदैव अमूल्य मार्गदर्शन सहयोग और प्रोत्साहन दिया। मेरे सहयोगियों और मित्रों का निरंतर समर्थन इस उपलब्धि का आधार बना।

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