रामनगर (उत्तराखंड): रामनगर क्षेत्र की लंबी मांग और जरूरत को देखते हुए लोक निर्माण विभाग अब पहली बार ‘थिंक वाइट ट्रॉपिंग’ तकनीक से सड़क बनाने जा रहा है। यह नई तकनीक नमी वाले इलाकों में टिकाऊ सड़क निर्माण के लिए जानी जाती है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता संजय चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि मुशाबंगर से कालाढूंगी तक छह किलोमीटर लंबे मार्ग के लिए करीब दो करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी गई है। अनुमति मिलते ही कार्य को हरी झंडी मिल जाएगी।
मुशाबंगर से कालाढूंगी तक का क्षेत्र घने पेड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है। यहां पूरे साल वातावरण में नमी बनी रहती है। पहले भी इस रूट पर पारंपरिक तकनीकों से बनाई गई सड़कें ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकीं और कुछ ही समय में टूट-फूट का शिकार हो गईं।
अब इस समस्या का स्थायी समाधान निकालते हुए थिंक वाइट ट्रॉपिंग तकनीक को अपनाया जा रहा है। यह तकनीक मूल रूप से सीमेंट कंक्रीट (सीसी) सड़क बनाने की विधि है जो खासतौर पर नमी और पानी वाले इलाकों में कारगर मानी जाती है।
इस सड़क के बनने से न सिर्फ क्षेत्रवासियों को सालभर बेहतर आवागमन सुविधा मिलेगी बल्कि बरसात के मौसम में होने वाली परेशानियां भी काफी हद तक कम हो जाएंगी।
अधिशासी अभियंता संजय चौहान ने बताया कि थिंक वाइट ट्रॉपिंग तकनीक ऐसी जगहों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है जहां सामान्य डामर की सड़कें नमी और बारिश से जल्दी खराब हो जाती हैं। शासन से स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

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