उत्तराखंड-निजी स्कूलो के किताबो के बोझ तले ऐसे दब रहे अभिभावक

खबर शेयर करें -
  • सहायता प्राप्त और निजी स्कूल की मनमानी के चलते अभिभावकों की जेब पर पड़ रहा भारी असर, जानिए क्या है पूरा मामला।

देहरादून-(,नितेश बिष्ट) अभिभावक को अपने बच्चों के लिए महंगी किताबें ना खरीदने पड़े इसके लिए सरकार ने इस बोझ को कम करने के लिए सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में 2018 में एनसीईआरटी लागू की योजना बनाई थी मगर सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों ने इसका भी तोड़ ढूंढ लिया, जिसके चलते सरकार की योजना भी कारगर साबित नहीं हुई। स्कूलों की कई कक्षाओं में सहायक किताबों की कीमत एनसीईआरटी की पूरी किताबों के मूल्य से दो से तीन गुना अधिक है जिससे अभिभावकों की जेब पर भारी असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं कुछ स्कूलों ने तो एनसीईआरटी की किताबो को कमतर बताते हुए खारिज कर दिया है।

इतने कीमतों में बिक रही है गढ़वाल और कुमाऊ मंडल में किताबे

गढ़वाल मंडल
राजधानी देहरादून के तमाम स्कूलों में अभिभावकों को सहायक किताबों के नाम से लूटा जा रहा है। यहां के स्कूल अपनी मनमानी पर उतर आए हैं। एक अभिभावक के कहे मुताबिक एनसीईआरटी की हिंदी, अंग्रेजी, गणित और पर्यावरण अध्ययन की चार किताबें पांचवी कक्षा से लग जाती है जिनकी कीमत 65 रूपये प्रति किताब है। निजी प्रकाशक और स्कूलों ने इन किताबों को खारिज करते हुए 7300 मूल्य वाली सहायक किताबे लगा रखी है। वही पौड़ी जनपद के स्कूलों का भी यही हाल है, यहां के स्कूलों में एनसीईआरटी की फिजिकल किताबों की कीमत 150 रूपये है, लेकिन इन एनसीईआरटी की किताबों के साथ सपोर्टिंग किताबें लेना भी अनिवार्य है जिनकी कीमत 250 रूपये है। यहां के स्कूलों ने ऐसी स्थिति बाकी विषयों की किताबों पर भी लागू कर रखी है। एक अभिभावक का कहना है कि स्कूल एक विक्रेता के पास भेजते हैं जहां कक्षावार बंडल बने रहते हैं। इनमें कई किताबें ऐसी होती है जो एक या दो बार उपयोग में आती है पर कीमत छ से सात सौ रूपये तक रहती है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड -(दुखद) दो मासूमों की मौत से कोहराम, ऐसे हुवे हादसे का शिकार
यह भी पढ़ें 👉  देहरादून -(बड़ी खबर) आज से करवट लेगा मौसम, इन इलाकों में ओलावृष्टि के आसार

कुमाऊ मंडल
गढ़वाल मंडल के स्कूलों की तरह कुमाऊं मंडल के स्कूलों के भी यही हाल हैं। नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर में कक्षा 6 में अभिभावकों से अंग्रेजी व्याकरण की एनसीईआरटी की 70 रूपये मूल्य वाली किताबों के साथ इंग्लिश ग्रामर और कम्युनिकेशन की सहायक किताबें खरीदवाई जा रही हैं जिनका मूल्य 300 रूपये है। कक्षा 9 से 12 तक एनसीईआरटी की विज्ञान और एसएससी की किताबों की कीमत 100 से 200 रूपये तक है, लेकिन इनके साथ प्राइवेट पब्लिशर की 200 से 800 रूपये की मूल्य वाली किताबें खरीदना अनिवार्य है। अल्मोड़ा में रह रहे एक अभिभावक का कहना है कि कक्षा 5 की एनसीईआरटी की किताब 60 से 70 रूपये मे आती है, लेकिन स्कूलों के दबाव के चलते इनके साथ इंग्लिश ग्रामर, हिंदी व्याकरण, सामान्य ज्ञान, कंप्यूटर साइंस और मॉडल साइंस की किताब खरीदना अनिवार्य है जिनकी कीमत 300 से 360 रूपये है। वही चंपावत जिले मे एक स्कूल के कक्षा 2 और 6 की एनसीईआरटी की तीनों किताबो की कीमत 195 रूपये है। स्कूल प्रशासन ने एनसीईआरटी की किताबो के साथ जीके और इंग्लिश ग्रामर की 195–195 रूपये की किताबे लेना अनिवार्य कर रखा है।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून -(बड़ी खबर) मतदान के दिन 19 अप्रैल को बाजार बंदी को लेकर आया आदेश

पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप का कहना है कि महंगी किताबें खरीदवाने की बात पूरी तरह से सही नहीं है। सरकार समय पर किताबें ही उपलब्ध नहीं करा पा रही है। सरकार समय पर किताबें मुहैया कराए तो सहायक पुस्तकें क्यों लगाई जाएं ? वैसे सहायक पुस्तकें भी छात्र के शैक्षिक विकास के लिए उपयोगी होती हैं। वही केवी दो हाथीबड़कला के प्रधानाचार्य ने जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में पूरी तरह से एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू हैं। छात्रों को सहायक पुस्तक खरीदने के लिए सिर्फ सुझाव दिया जाता है, दबाव नहीं होता। एनसीईआरटी की पुस्तकों की शैक्षिक सामग्री सर्वश्रेष्ठ होती है।

अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -

👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

हमारे इस नंबर 7017926515 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें

Subscribe
Notify of

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments