Uttrakhand News: राज्य में पिछले 24 घण्टे में बारिश ने भारी तबाही मचाई है राज्य का नैनीताल जिला सर्वाधिक प्रभावित जिला है जहां मुख्यालय का संपर्क अभी भी टूटा हुआ है । जिले के रामगढ़ ब्लॉक में एक मकान में दबकर जहां एक दम्पति की मौत हुई है वहीं इसी ब्लॉक में एक मकान के नीचे 9 मजदूर एक साथ दफन हो गए । जबकि दोषपानी में 5 मजदूर आपदा की भेंट चढ़ गए ।
उत्तराखंड में विगत 24 घंटे से हो रही बारिश की वजह लगभग 40 से अधिक लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है । राज्य में सबसे अधिक प्रभावित जिला नैनीताल है जहां 27 लोगों ने अपनी जान जाने की खबर है ।
नैनीताल जिले में मरने वालों में अधिकतर उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूर हैं । जिनमे 9 मजदूर रामगढ़ में एक घर मे दफन हो गए । जबकि झुतिया गांव में एक दंपति की मलवे में दबकर मौत हुई । दोषपानी में 5 मजदूरों की मलवे में दबने से मौत हुई है ।अलमोड़ा जिले में अलग अलग स्थानों से 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है । पिथौरागढ़ बागेश्वर में एक एक चंपावत में तीन जबकि उधमसिंह नगर में दो लोगों की मौत का समाचार है। सरकार ने अभी तक 22 मौतों की पुष्टि की है । राज्य में अलग अलग घटनाओं में पिछले 24 घण्टे में 600 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है ।
हल्द्वानी में गौला नदी का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है । काठगोदाम के पास रेलवे ट्रैक ( शंटिंग नेक) का एक हिस्सा गौला में समा जाने से आज चलने वाली सभी रेलगाड़ियां रद्द करनी पड़ी हैं । भारी बारिश की वजह चल्थी टनकपुर पुल क्षतिग्रस्त हुआ है । जौलजीवी पिथौरागढ़ मार्ग अवरुद्ध है । तीसरा बड़ा पुल बेतालघाट गरमपानी को जोड़ने वाला घरोली पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है ।
बारिश की वजह राज्य के अधिकतर हिस्सों में बिजली आपूर्ति में बाधा पहुची है । कई क्षेत्रों में 20 घण्टे से बिजली बहाल नहीं हो पाई है .कुमायूँ मंडल के नैनीताल में करीब 445 एमएम बारिश दर्ज हुई है जिसे 100 साल बाद हुई अत्यधिक वर्षा कहा जा रहा है । जबकि पिथौरागढ़ में 212.1 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है । जबकि अलमोड़ा चंपावत बागेश्वर में अपेक्षाकृत कम दर्ज की गई है ।
आज शाम आपदा की स्थिति जानने और इससे निपटने के लिए त्वरित कार्यवाही के मकसद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शाम हल्द्वानी पहुचे और अधिकारियों से नुकसान का जायजा लिया । मुख्यमंत्री में प्रत्येक मृतक को चार लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है । जबकि मकान क्षतिपूर्ति के लिए 1.09 लाख देने साथ ही पशुधन के नुकसान के लिए उचित मुवावजे की घोषणा की है मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा भी किया है ।
राज्य की सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं । दो दिन की बारिश का ख़ौफ़नाक नजारा 1993 आपदा की याद दिला गया । राज्य में गंगा नदी का जलस्तर वर्ष 1993 भारी वर्षा के स्तर वपहुच गया । गौला नदी में आई बाढ़ ने शांतिपुरी, किच्छा में भारी नुकसान पहुचाया है । नदी का पानी खेतों में पहुच गया है । शांतिपुरी में खेतों में रेतीली मिट्टी की वजह फसलों को भारी नुकसान पहुचने की ख़बर है ।
अकेले कुमाऊँ में ही 12 से अधिक सड़कें बन्द हैं । हल्द्वानी से पर्वतीय मार्ग का संपर्क टूट गया है । लोकनिर्माण विभाग और जिला प्रशासन बन्द सड़कों को खोलने में जुटा है । मुख्यमंत्री के दौरे के बाद राहत बचाव और सड़कों को खोलने में तेजी आने की उम्मीद जगी है ।

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