नैनीताल- (कमल जगाती) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जिला योजना के मद में सरकार की ओर से जारी 110 करोड़ रूपये की धनराशी पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने सरकार को चुनाव आयोग से राय मशविरा करने के निर्देश दिये हैं। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ में उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य प्रदीप भट्ट की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी । याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि प्रदेश के जिलों में विकास योजनाओं के संचालन के लिये संविधान की धारा 243 जेड के तहत जिला योजना समिति (डी.पी.सी.)का गठन जरूरी है। इसमें तीन चैथायी सदस्य नगर निगम, नगर पालिका व जिला पंचायतों से चुने जाते हैं, जबकि एक चैथायी सदस्य सरकार की ओर से नामित किये जाते हैं।
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प्रदेश में अभी तक डीपीसी का गठन नहीं हो सका है। चुनाव आयोग की ओर से पहले चुनावों की तिथि घोषित की गयी लेकिन बाद में ये चुनाव स्थगित कर दिये गये। सरकार की ओर से विगत 12 जून को एक अध्यादेश जारी कर जिला योजना मद में स्वीकृत धनराशि को जिलाधिकारियों को खर्च करने के अधिकार दे दिये गये लेकिन इसके लिये चुनाव आयोग की राय नहीं ली गयी। इसी बीच सरकार ने 16 जून को जिला योजना मद में 110 करोड़ रूपये की धनराशि मंजूर कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार का यह कदम असंवैधानिक है। मामले को सुनने के बाद अदालत ने जिला योजना के लिये स्वीकृत धनराशि पर रोक लगा दी है।
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