शत शत नमन आपको (इरफान खान)
आप बेमिसाल कलाकार हैं और हमेसा रहेंगे,मैं ही नही अपितु पूरा विश्व आपकी आखों का दीवाना रहा ,मैं चाहता था मैं उन आंखों को अपने चित्र मे तब्दील करू।लेकिन आज का दिन बहुत भावुक भरा था।जब पूरा देश गमगीन माहौल मे बदलता दिख रहा है ।और जहा मजहबो की वार्तालाप वाले विचारो से हटते हुए, राजनीतिक तथ्यों को अलग रखते हुए । सिर्फ आपके पोस्ट को सांझा करने मे लगे है आपसे अत्यधिक प्रेम करने वाले लोग।आज सभी आपके जीवन मे घुसकर इरफान की तलाश कर रहे थे जो कही गुम सा हो गया हैं। एक होड़ लगी है की आपके जाने के दिन को लोग कितने खूबसूरत तरीके से आपको अंतिम अलविदा दे पाए । ये सच मे बहुत खूबसूरत लम्हा है इरफान जी।

शायद आप उस आसमानी दीवार से झांक कर ये सब नजारा देख रहे होंगे। कि कितनी मोहब्बत है लोगो को आपसे ,
व्हाट्सएप्प,फेसबुक, ट्विटर सब आज आपकी मोहब्बत से भरा है। आज पूरा देश सिर्फ आपकी आवाज की आपकी आंखों की तारीफ कर रहा है।जिन आंखों पर हज़ारों लड़कियां आपकी दिवानी हुआ करती थी। और दूसरी आपकी आवाज़, सच आपकी आवाज़ मे एक सूफियाना लहर थी, ये लहर सायद अब शांत हो चुकी है ।लेकिन ये हम सभी के दिल मे आजीवन जिंदा रहेगी।
मैंने कभी भी किसी अभिनेता को इतना प्यार नही किया. ना कभी किसी फिल्मी अभिनेता की तस्वीर को अपनी घर की दीवारों मे लगाया। शायद वो इसलिए भी क्योकि मुझे स्वयं से बहुत प्रेम रहा है । लेकिन जब भी मैंने आपको फिल्मो मे देखा है। वही आपका अभिनय मुझे रोक लेता था।
मैं आपके किरदारों को महसूस करके उसमें जीने लगता था।अभी परसो ही, मैंने और मेरी पत्नी ने आपकी अंतिम फ़िल्म अंग्रेजी मीडियम देखी, जहा मुझे आपके किरदार ने इतना प्रभावित किया,और मैं खुद उस किरदार को जीने लगा।जहा थोड़े समय के लिए ऐसा महसूस हुआ कि जैसे मैं अपने बेटी को छोड़ने जा रहा हूँ। वैसे मैं आपको बता दू।मैं आपसे उम्र मैं बहुत छोटा हूँ।और न मेरी कोई बेटी है।बस एक बेटा है , जिसकी उम्र 3.5 वर्ष है।
लेकिन आपका अभिनय इतना जानदार रहता है कि मेरे जैसे भावुक लोग उसमे जीने लगते है।फ़िल्म के अंतिम पक्ष तक मेरी आँखों मे आँसू थे।जो मेरी पत्नी द्वारा हसी के पात्र भी बने।
पान सिंह तोमर भी मेरी जिंदगी की सबसे बेहतरीन फ़िल्म रही है। हम सभी ने उसमे आपको काफी करीब से देखा जहा आपकी दबंगई दिखी।जो करोडों रुपए के फिल्मी क्लब मे शामिल भी हुई।आपने अपने जीवन मे कई बेहतरीन फिल्मे की है।जो अब अमर हो चुकी है आपके साथ ही।
मैं आपको बताना चाहता हूँ मेरे हीरो!😢 आपका अंदाज़,आपका सादा जीवन सबको आपकी और आकर्षित करने वाला रहा है।कई अवार्डों से आपको नवाजा गया है। वही आपके जाने का गम भी लोगो को दुखी कर देता है।

मुझे नहीं पता कि ये ख़त आप तक पहुंचेगा या नहीं लेकिन फिर भी मैं अपने दिल की बात लिख रहा हूँ। लेकिन मुझे साथ ही एक अफसोस भी है।कि आज का जैसा दिन फिर नही आने वाला है।कल से फिर मेरी सुबह का आगाज वही फेसबुक ,व्हाट्सअप ,ट्विटर सब जगह मजहबी पोस्ट देखते होगा। हर जगह अशांति ,एक दूसरे पर लांछन लगाते हुए लोग दिखाई देंगे। शायद कल लोग सब कुछ भूल सा जाएंगे। आज जैसा दिन कल नही होने वाला है। शायद ऐसा ही सुंदर दिन हमेसा रह पाता।लोग प्रेम मे जीते, एक दूसरे से मोहब्बत कर पाते।खैर छोड़ो !
मैं आपका मुरीद यही दुआ करता हूं ।ईश्वर आपके परिवार को हिम्मत दे इस मुश्किल वक्त की घड़ी मे।
अंत मे इस प्यारे से मौसम मे इस गुलिस्तां को सुंदर बनाने के लिए आपको एक बार फिर प्यार भरी मोहब्बत।
आपका मुरीद
पंकज सम्मल





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