लालकुआं। गौला नदी में खनन शुरू कराने को लेकर अब स्टोन क्रेशर स्वामी और खनन से जुड़े वाहन स्वामी आमने-सामने आर-पार की लड़ाई पर खड़े हो गए हैं। खनन व्यवसायियों द्वारा स्टोन क्रेशर में जाकर बवाल करने की घटना के बाद स्टोन क्रेशर संचालकों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और उप जिलाधिकारी को पत्र देकर स्टोन क्रेशर व कर्मचारियों की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए खनन व्यवसायियों पर अवैध वसूली एवं क्रेशर संचालकों को भयभीत करने का आरोप लगाया।
गौला संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बैठक करते हुए कहा कि खनन व्यवसायियों द्वारा आन्दोलन की आड़ में क्रेशरों पर बलपूर्वक प्रवेश किया जा रहा हैं, क्रेशर के स्टाफ एवं मालिकों को भयभीत किया जा रहा है, झूठे आरोप लगा कर शासन प्रशासन को गुमराह किया जा रहा हैं, क्रेशर संचालकों ने कहा कि क्रेशर के डक पर चड़ कर वहा से वीडियो बनाये जा रहे है, जबकि डक की उचाई 6 से 7 मीटर होती है। भरे हुए उपखनिज के वाहनो को बलपूर्वक खाली कराया जा रहा है, एवं बाहर से आये हुए उपभोक्ताओं को धमकाते हुए उन्हें भविष्य मे प्रदेश में न आने को प्रेरित किया जा रहा। क्रेशर संचालकों ने आरोप लगाया कि आन्दोलन के नाम पर वाहनों से अवैध वसूली की जा रही है।
उधर कुमाऊं स्टोन क्रेशर एसोसिएशन द्वारा गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे धरने की शिकायत पत्र एसएसपी को पत्र देने के बाद शनिवार को खनन व्यवसायियों के मोटाहल्दू धरना स्थल पर ग्राम प्रधान संगठन के पदाधिकारियों एवं क्षेत्र के दर्जनभर ग्राम प्रधानों ने आकर ग्राम प्रधान संगठन की एक बैठक की, जिसका संचालन ग्राम प्रधान एवं गौला खनन संघर्ष समिति के संयोजक रमेश जोशी ने किया, हल्द्वानी ब्लॉक के ग्राम प्रधान संगठन ने एक स्वर में कहा अगर स्टोन क्रेशर संचालक वाहन स्वामियों को उचित रेट नहीं देते है तो खनन व्यवसाई इस सीजन के लिए अपनी गाड़ियों को सरेंडर कर दें, आबादी के बीच चल रहे स्टोन क्रेशरों को यहां से हटाने का कार्य ग्राम प्रधान संगठन करेगा। उन्होंने तय किया कि शीघ्र ही एक संयुक्त प्रार्थना पत्र ग्राम प्रधान संगठन के नेतृत्व में जिलाधिकारी को दिया जाएगा।






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