Haldwani News- कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल में प्रशासन की बार-बार चेतावनी के बावजूद कई डॉक्टर मरीजों के लिए बाहर से दवाई लिखते हैं जबकि इमरजेंसी से लेकर वार्ड में अधिकांश दवाइयां उपलब्ध रहती हैं। यही नहीं बाहर से लिखने वाली दवाइयां भी जेनेरिक मेडिकल कि नहीं लिखी जाती लिहाजा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कई बार डॉक्टरों को चेताया है। ऐसे में आप कड़ा कदम उठाते हुए ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू कर दी है साथ ही कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
गौरतलब है कि कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल में पिथौरागढ़ से लेकर चंपावत और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तक मरीज यहां पहुंचते हैं ऐसे में अस्पताल में 209 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है जिसमें से 80 से 100 प्रकार की लाइफ सेविंग ड्रग्स इमरजेंसी में रखी गई है बावजूद इसके कुछ डॉक्टर बाहर से दूसरी ब्रांड की दवा लिखने की शिकायत अक्सर तीमारदारों को मरीजों से मिलती है। लिहाजा मेडिकल कॉलेज प्रशासन दो बार चेतावनी पत्र भी जारी कर चुका है लेकिन ऐसी हरकतों से बाज नहीं आने वाले डॉक्टरों के खिलाफ अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन सख्त कार्रवाई के मूड में है।
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