देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों को लोक सभा चुनाव से पहले अच्छी खबर मिल सकती है। मानदेय बढ़ोतरी की मांग को जायज मानते हुए शिक्षा निदेशालय ने मानदेय को 40 हजार रुपये करने की सिफारिश सरकार से की है।
वर्तमान में अतिथि शिक्षकों को केवल 25 हजार रुपये मानदेय मिल रहा है। इसके साथ ही अतिथि शिक्षकों को चिकित्सा अवकाश और अवकाश के दौरान भी मानदेय देने की पैरवी की गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने इसकी पुष्टि की।
देहरादून। स्थायी शिक्षक की नियुक्ति या पोस्टिंग होने पर अतिथि शिक्षकों को हटना पड़ता है। अतिथि शिक्षक लंबे समय से अपने पदों को सुरक्षित रखने की मांग कर रहे हैं। लेकिन इस मांग को स्वीकार नहीं किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया हैकि 14 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने अतिथि शिक्षकों के संबंध में स्पष्ट आदेश दिया है। इस आदेश के आधार पर विस्तृत जीओ भी जारी किया गया था। इसके अनुसार अतिथि शिक्षक व्यवस्था नितांत अस्थायी होगी।
देहरादून। अतिथि शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों के मुकाबले आधे से भी काफी कम मानदेय मिलता है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है सीधी भर्ती से चयनित स्थायी एलटी शिक्षकों को प्रतिमाह 67 हजार 818 रुपये वेतन मिलता है। जबकि प्रवक्ता को 71 हजार 922 रुपये मिलते हैं। जबकि अतिथि शिक्षकों को केवल 25 हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं।
मांगों पर निदेशालय ने बिंदुवार अपनी रिपोर्ट दे दी है। मालूम हो कि कुछ दिन पहले माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया था। शिक्षा मंत्री ने निदेशालय से परीक्षण कर संस्तुतियां देने के निर्देश दिए थे।
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