हेमंत द्विवेदी

लालकुआं-(बड़ी खबर)- किस पर खेलेगी BJP दांव ? क्या टूटेगा मिथक

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लालकुआं-(खबर पहाड़ स्पेशल डेस्क)- विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है जनवरी के प्रथम सप्ताह में आचार संहिता लगने की उम्मीद है ऐसे में सत्ताधारी पार्टी भाजपा चुनावी रण में पूरी तरह उतर चुकी है पर संसय इस बात का है, कि टिकट किसे मिलेगा? क्योंकि सत्तासीन विधायक से भाजपा के कई दावेदार टिकट छीनने की होड़ में है। और सवाल यह भी है कि क्या सरकार की तरह लालकुआं विधानसभा में भी 5 साल में दूसरी पार्टी के विधायक जीतने का मिथक टूटेगा ? या नही… पढ़िए यह खास रिपोर्ट…

लालकुआं विधानसभा में वोटरों का गणित

सन 2012 के परिसीमन में धारी विधानसभा से अलग हुई लालकुआं विधानसभा में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मध्य नजर नजर डालें तो विधानसभा में कुल 142 बूथ हैं जिनमें 117177 मतदाता हैं। जिसमें 61269 पुरुष और 55908 महिला मतदाता हैं अगर लालकुआं विधानसभा को क्षेत्रवार देखें तो चोरगलिया में 6705 मतदाता,जबकि गौलापार में 16768 मतदाता, इसके अलावा बरेली रोड क्षेत्र में सर्वाधिक 44323 मतदाता, जबकि लालकुआं टाउन क्षेत्र में 17292 मतदाता, और बिंदुखट्टा क्षेत्र में 32090 मतदाता है। जातिय समीकरण की बात करें तो 75 फ़ीसदी कुमाऊनी, 10 फ़ीसदी मैदानी, 7 फ़ीसदी मुस्लिम, 4 फ़ीसदी गढ़वाली, 2 फ़ीसदी वैश्य और 2 फ़ीसदी पंजाबी मतदाता है।

लालकुआं विधानसभा का 2017 चुनाव का रिजल्ट….

2022 के चुनाव में रंगने से पहले यह जानना जरूरी है कि 2017 में क्या कुछ हुआ था क्योंकि चुनाव की पृष्ठभूमि में बहुत कुछ छुपा हुआ होता है लिहाजा 2017 के विधानसभा चुनाव में 15 फरवरी 2017 को वोटिंग हुई थी जबकि रिजल्ट 11 मार्च को आया था उस इलेक्शन में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नवीन चंद्र दुमका को 44293 यानी 54.8 फीसदी वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर कांग्रेस से चुनाव लड़े हरीश चंद्र दुर्गापाल को 17185 यानी 21.3 फ़ीसदी वोट मिले। वहीं तीसरे स्थान पर कांग्रेस से बागी हुए हरेंद्र बोरा ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर 14709 यानी 18.2% मत हासिल किए। इसके अलावा बीएसपी के राजीव मोहन को 964 और सीपीआई माले के पुरुषोत्तम शर्मा को 793 वोट मिले। पूरे इलेक्शन में 72. 35 फ़ीसदी यानी 79596 वोट पड़े जिसमें भाजपा के प्रत्याशी नवीन चंद्र दुमका 27108 वोट से जीत कर प्रदेश में दूसरे सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले विधायक बने।

लालकुआं विधानसभा में दावेदार-

लालकुआं विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के सिटिंग एमएलए होने के बावजूद विधानसभा चुनाव 2022 के लिए टिकट के दावेदारों की संख्या बड़ी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है दावेदारों में विधायक नवीन दुमका, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हेमंत द्विवेदी सहित कई लोग शामिल हैं। मुख्य रूप में चुनाव से पहले भाजपा में टिकट का मुकाबला इन तीनों के बीच ही होना है।

नवीन दुम्का

नवीन दुम्का- पिछले चार दशक से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में पार्टी से जुड़े हैं पार्टी के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए दो बार चुनाव लड़े और 2017 में विधायक बने।

मजबूत पक्ष- टिकट के लिए विधायक नवीन दुमका का मजबूत पक्ष वह स्वयं सीटिंग विधायक हैं और प्रदेश में दूसरे नंबर पर सबसे बड़ी जीत पिछले चुनाव में दर्ज करा चुके हैं। तथा इन 5 वर्षों के विकास कार्यों को लेकर उनकी दावेदारी मजबूत है। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी अच्छी पकड़ है।

कमजोर पक्ष- विधायक नवीन दुमका का कमजोर पक्ष पिछले 5 सालों में सत्ता के विधायक के खिलाफ होने वाली एंटी इनकंबेंसी, विधानसभा में संगठन पदाधिकारियों साथ ना के बराबर होना, और विधायक होते हुए भी अपनी टीम ना बना पाना इस चुनाव में उनकी कमजोरी है।

प्रदीप बिष्ट

प्रदीप बिष्ट- भारतीय जनता पार्टी में लालकुआं विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रहे नैनीताल जिले के जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट की मजबूत दावेदारी है वह पिछले दो दशक से भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में पार्टी की सेवा कर रहे हैं साथ ही पिछले दो बार से भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं और उनके नेतृत्व में अब तक हुए ज्यादातर चुनाव जीते गए हैं।

मजबूत पक्ष- प्रदीप बिष्ट के जिला अध्यक्ष होने का सबसे मजबूत पक्ष है कि लालकुआं विधानसभा में भाजपा संगठन के ज्यादातर लोग उन्हें अपना प्रिय मानते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी प्रदीप बिष्ट की अच्छी पकड़ है साथ ही वह युवा चेहरा है। और कार्यालय खोलकर विधानसभा में उन्होंने तेजी के साथ जनसंपर्क शुरू किया है।

कमजोर पक्ष- जिला अध्यक्ष होने के नाते लालकुआं विधानसभा में भरपूर समय न मिल पाना,

हेमंत द्विवेदी

हेमंत द्विवेदी- लालकुआं विधानसभा से भाजपा के पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हेमंत द्विवेदी भी पिछले 2 टर्म से भाजपा में लालकुआं से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, उन्होंने अपनी टीम बनाकर विधानसभा में अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है।

मजबूत पक्ष- युवा काल से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए, पार्टी के विभिन्न दायित्व में रह चुके हैं भाजपा के कई शीर्ष नेताओं से करीबी है, पिछले दो बार से लगातार दावेदारी कर रहे हैं। विधानसभा में जनसंपर्क में लगे हुए हैं।

कमजोर पक्ष- विधानसभा के संगठन के पदाधिकारी ज्यादातर साथ नहीं है और अपनी अलग टीम बनाकर काम कर रहे हैं।

इन तीन दावेदारों के अलावा इस बार भाजपा में कुमाऊं मीडिया प्रभारी व पूर्व जिला पंचायत सदस्य उमेश शर्मा और लालकुआं नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन पवन चौहान भी मीडिया के समक्ष अपनी दावेदारी जता कर लोगों से जनसंपर्क कर रहे हैं। भले ही भारतीय जनता पार्टी में दावेदारों की लंबी लिस्ट हो लेकिन टिकट के साथ ही चुनाव जीतना भी बड़ी चुनौती इसलिए है क्योंकि इस विधानसभा में कोई विधायक दोबारा रिपीट नहीं हो पाया है लिहाजा भाजपा के सामने एंटी इनकंबेंसी को कम कर पाना एक बड़ी चुनौती होगा।

भाजपा के सामने चुनावी चुनौती-

विधानसभा चुनाव 2022 की आचार संहिता लगभग 1 सप्ताह बाद लग जाएगी जिसके बाद भाजपा के सामने प्रखर रूप से जो चुनावी मुद्दे सामने आएंगे जिनका जवाब चुनाव में जनता के बीच जाकर देना होगा उनमें आईएसबीटी, इंदिरा नगर से निकलने वाले गंदे पानी का डायवर्जन, शहीद मोहन नाथ गोस्वामी मिनी स्टेडियम, लालकुआं बाईपास, बिंदुखत्ता को राजस्व गांव, और 5 साल में सत्ता की एंटी इनकंबेंसी के अलावा अंतरराष्ट्रीय ज़ू और अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पर जनता और बिपक्ष के सवाल के जबाब देना भी चुनोती होगा।

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