हल्द्वानी: हल्द्वानी के युवा इंजीनियर उमेश जोशी ने वेदश्री तेल (Vedshri Oil) को शुद्धता का बनाया ब्रांड

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  • संघर्ष से बना जीवन, इंजीनियरिंग से मंत्रालय तक का सफर और फिर बिजनेस एंटरप्रेन्योर

हल्द्वानी – हमारे खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है यह बात अब किसी से छुपी नहीं है तरह-तरह की बीमारियां खासकर सबसे ज्यादा हार्ट से संबंधित बीमारियों के लिए तेल के इस्तेमाल को भी जिम्मेदार माना जाता है इसलिए आज हम आपको बताएंगे की कैसे एक पढ़े-लिखे युवावनौजवान ने इंजीनियरिंग छोड़ शुद्ध तेल के उत्पादन के साथ ही उसे ब्रांड बनाने का काम किया । सबसे बड़ी बात यह है कि आज के दौर में जब तेल की शुद्धता को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां होती हैं तो यह युवा स्वयं लोगों को अपनी यूनिट में आमंत्रित करते हैं ताकि तेल की शुद्धता की पहचान स्वयं उसे इस्तेमाल करने वाले लोग अपनी आंखों के सामने देखें।

हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड नैनीताल जिले में गौलापार स्थित वेदश्री (VedshriOil) शुद्ध सरसों का तेल जो कि एक बी – क्योर ऑयल प्राइवेट लिमिटेड का प्रोडक्ट है। की स्थापना वर्ष 2020 में हुई जब हमें सरसों के शुद्ध तेल एवं समाज में शुद्धता की बात करते हैं तो एक नया एंटरप्रेन्योर उमेश जोशी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। शुद्ध सरसों का तेल सिर्फ कहने से शुद्ध नहीं है, शुद्ध तेल के निर्माण में कच्चे माल यानी रॉ मटेरियल की सबसे बड़ी भूमिका है सरसों की सबसे बेहतरीन किस्म की उत्पादकता राजस्थान में होती है लिहाजा वेद श्री (VedshriOil) तेल के संस्थापक उमेश जोशी बताते हैं कि वह सबसे पहले यही से तेल की शुद्धता की शुरुआत करते हैं सबसे पहले वह राजस्थान की बेहतरीन किस्म की सरसों खरीदी करते है। फिर गौलापार की वेस्ट खेड़ा में वेदश्री (VedshriOil) यूनिट प्लांट में सरसों को पिरोकर शुद्धता के कई मानकों के परीक्षण कर शुद्ध सरसों व अन्य उत्पादों का तेल निकाला जाता है। उमेश जोशी बताते हैं कि अन्य सरसों से बेहतरीन किस्म की सरसों न केवल साफ होती है राजस्थान से कच्चे माल को लैब कराकर मंगाया जाता जाता है। सरसों के तेल का उपयोग सामान्य आमजन एवं रोगियों के लिए लाभकारी होता है ।

  • इंजीनियरिंग के साथ ही IIT रुड़की पीएचडी स्कॉलर रहे है उमेश जोशी
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पढ़ाई में बचपन से ही होनहार उमेश जोशी का जीवन उतार चढाव से भरा रहा है पेशे से उमेश जोशी इंजीनियर है इंजीनियरिंग करने के बाद 7 साल तक का एक अधिकारी के रूप में अलग-अलग विभागों एवं राज्य में काम कर आज एक बिजनेस एंटरप्रेन्योर के रूप में जाने जाते हैं । पढ़ाई की बात करें तो मुख्यतः वह एक मैकेनिकल इंजीनियर है और मास्टर इन थर्मल इंजीनियरिंग है और कुछ समय तक आईआईटी रुड़की से पीएचडी स्कॉलर भी रह चुके हैं। हालांकि कुछ कारणवश वह अपनी पीएचडी पूरी नहीं कर पाए परंतु उन्होंने बताया कि समय के साथ साथ वह अपनी पीएचडी जरूर पूरी करेंगे। व्यवहारिक गुण होने के साथ-साथ राजनीति से जो लोग जुड़े है उनके बीच भी अत्यधिक प्रभावशाली हैं ।

  • आपके लिए कितना जरूरी शुद्ध सरसों का तेल

वह बताते हैं कि सरसों का तेल प्रमुख तौर से खाना पकाने के प्रयोग में लाया जाता है परंतु सरसों के तेल में औषधि गुण भी उपलब्ध होते हैं। जिनका विभिन्न प्रकार से रोगों में पूर्व की भांति प्रयोग किया जाता है आपका सर दर्द हो मालिश हो या आप हृदय संबंधित बीमारियों से घिरे हो यह सभी बीमारियों में सरसों का तेल काम में लाया जाता है ।

  • किसे कहते हैं सरसों का तेल

उमेश जोशी बताते हैं कि उत्तराखंड के तराई और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में मुख्य रूप से लाई का उत्पादन होता है लेकिन सरसों और लाई में अंतर होता है मुख्यतः सरसों दो प्रकार की मिलती हैं भूरी एवं काली सरसों और दूसरी पीली सरसों सरसों तेल, इनका उत्पादन करने में जोशी ने मेहनत,लगन और विभिन्न क्षेत्रों में जाकर ज्ञान अर्जित कर आज समाज में शुद्ध तेल को प्रमुखता के साथ उपलब्ध भी कर रहे हैं । 6 ग्राहकों से अपना सफर शुरू करने वाले वेदश्री तेल (VedshriOil) के संस्थापक ने बहुत से छोटे-छोटे कार्यक्रम में हिस्सा लेकर अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व से आम जन मानस का दिल जीता है। आज उनका उत्पादन हजारों लीटर में होता है और सैकड़ो ग्राहक उनका तेल इस्तेमाल करते हैं।

  • गौलापार के पश्चिमी खेड़ा में है वेदश्री यूनिट
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पश्चिमी खेड़ा गौलापार स्थित वेदश्री (VedshriOil) प्लांट में अत्याधुनिक मशीनों से तेल के कई पैरामीटर की जांच करने के बाद अथक मेहनत प्रयास से लोगों को शुद्ध एवं फिल्टर युक्त शुद्ध सरसों का तेल उपलब्ध कराया जाता है।

  • शुद्धता के मानकों पर खरा उतरता है वेदश्री तेल

वैसे तो सरसों का मूल्य बाजार में 135 से लेकर 160 के बीच में उपलब्ध होता है परंतु राजस्थान से कच्चा माल मंगाकर ,भाड़ा, पैकिंग, इत्यादि सब मिलाकर उनका तेल लगभग 180 से ₹200 के बीच आसानी से उपलब्ध होता है सामान्यतः कोई भी व्यक्ति एक या दो बार जांच करवाते है पर उमेश जोशी ने बताया कि वो हर पांच सौ ली से एक हजार ली तेल बन जाने पर ,तेल की जांच उच्च गुणवत्ता युक्त लैब से गुणवत्ता की जांच कराई जाती है। आज उमेश जोशी जी को हल्द्वानी क्षेत्र के साथ-साथ अल्मोड़ा, बागेश्वर, लोहाघाट, पिथौरागढ़, नैनीताल, कौसानी, गरुड़ देहरादून बाजपुर रुद्रपुर एवं क्षेत्र से बाहर नोएडा, दिल्ली इन जगहों से अपार प्रेम मिलता आया है जो आज उनके बिजनेस को शिखर की ओर ले जाता है।

  • तेल की शुद्धता के लिए करते हैं लोगों को जागरूक

शुद्धता अपनाने के लिए वह सभी को जागरूक भी कर रहे हैं। जोशी जी बताते हैं एक दौर कोरोना का था जहां लोग शुद्धता की ओर ज्यादा ध्यान देते थे परंतु जैसे-जैसे कोरोना का भय दूर होता जा रहा है। सामान्य इंसान या आम जनमानस शुद्धता से भी दूर होता जा रहा है। जिसका आने वाले कल में भुगतान करना पड़ सकता है? बाजार में उपलब्ध तेल के बारे में उमेश जोशी जी से जब बातचीत हुई तो उन्होंने किसी भी तेल के बारे में कुछ कहने से बचते दिखे क्योंकि उनका मानना यह है हर कोई जो भी निर्माता है। जो भी तेल मैन्युफैक्चर है वह समाज हित में अपना अपना योगदान दे रहे हैं। अगर बड़ी-बड़ी कंपनियां शुद्धता को ध्यान में रखते हुए सभी प्रोडक्ट 100% शुद्ध बनाएंगे तो निचले तबके का आदमी का शायद बजट भी बिगड़ सकता है । बता दे कि किसी की बुराई ना करते हुए उन्होंने क्षेत्र के सभी लोगों से शुद्धता से बने हुए स्वास्थ्य के लिए लाभकारी तेल को अपनाने की अपील की है।

  • कैसे प्राप्त करें वेदश्री का शुद्ध तेल
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शुद्धता के मानकों पूरी तरह खरा उतरने वाला वेदश्री (VedshriOil) तेल ग्राहक सीधे गौलापार पश्चिमी खेड़ा स्थित वेद श्री यूनिट से प्राप्त कर सकते हैं। जहां वह खुद अपने सामने तेल की शुद्धता को लेकर प्लांट में स्पष्ट उत्पादन देख सकते हैं। इसके अलावा वे वेदश्री तेल (VedshriOil) के संस्थापक उमेश जोशी के मोबाइल नंबर 63971 79624 पर संपर्क कर सकते है।

  • वेदश्री द्वारा खाद्य तेलों के विभिन्न उत्पाद

उमेश जोशी बताते हैं कि उनके वहां मुख्यतह सरसों का तेल, नारियल का तेल, बदाम का तेल, अलसी का तेल, तिल का तेल उचित मात्रा में बनाया जाता है। इसके अलावा एक लीटर, पांच लीटर और 16.6 लीटर के टिन की इनकी पैकेजिंग में उपलब्ध है। उमेश जोशी का कहना है कि वह अपने सस्थान की टैग लाइन ‘स्वस्थ्य रहना है तो शुद्ध खाना पड़ेगा’ के उद्देश्यों पर काम करते हुवे आगे बढ़ रहे है।

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