हल्द्वानी-उत्तराखंड में दिन-प्रतिदिन बेटियां अपने हौसले और मेहनत के बल पर नया नया मुकाम हासिल कर रही है हाल ही में यूरोप में उत्तराखंड के पहाड़ कि बेटी लकी राणा ने जहां सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया तो वहीं अब चंपावत के लोहाघाट की रहने वाली रेनू बोरा भारतीय कराटे एकेडमी में कोच के तौर पर नियुक्ति हुई है जो बच्चों को मार्शल आर्ट सिखाएंगी।
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खेल हो या पढ़ाई या फिर कोई अन्य फील्ड बेटियां कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ सकती है ऐसा ही कुछ मूल रूप से चंपावत के लोहाघाट की रहने वाली रेनू बोरा ने किया है अपनी मां लीलावती देवी के साथ हल्द्वानी में किराए में रहने वाली रेनू बोरा ने अपनी मेहनत और परिश्रम के बल पर न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता है बल्कि अब उनको नेशनल कराटे एकेडमी इंडिया के महासचिव और एशियन कोच सतीश जोशी ने कोच की जिम्मेदारी देकर उनका हौसला बढ़ाया है।
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घर परिवार से आर्थिक रूप से कमजोर रेनू के पिता का साया 2017 में सर के ऊपर से उठ गया पारिवारिक स्थिति खराब होने के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और अपनी मां के साथ हल्द्वानी आकर रहने लगी इस दौरान संघर्ष करते हुए खुद पर विश्वास और मेहनत की बदौलत रेनू ने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और 59वें राष्ट्रीय स्कूल गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया ग्रेजुएशन की पढ़ाई चंपावत से पूरी कर चुकी रेनू अभी हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही है जो अब बच्चों को मार्शल आर्ट सिखाएगी।
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