देहरादून-(बड़ी खबर) चमोली जैसे हादसे की पुनरावृत्ति ना हो, ACS ने ली महत्वपूर्ण बैठक

खबर शेयर करें -

चमोली जैसे हादसों की ना हो पुनरावृत्ति

मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं की बैठक ली

प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं पर नई नीति लागू करने का उच्च स्तरीय निर्णय जल्द

कार्यदायी संस्थाओं को सुरक्षा मानकों के उच्चतम स्तर के मानदण्डों का पालन करने हेतु सख्त हिदायत

समय समय पर सुरक्षा मानकों का परीक्षण

देहरादून– चमोली जैसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए प्रदेश में कार्यरत समस्त कार्यदायी संस्थाओं की एक उच्च स्तरीय बैठक मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ली । बैठक में यह तथ्य संज्ञान में आया कि कार्यदायी संस्थाएं इलैक्ट्रिकल वर्क को सिविल वर्क के साथ जोड़ देती हैं। जबकि कार्यदायी संस्थाओं के पास इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए पृथक से इंजीनियर उपलब्ध रहते हैं। एक ही एस्टीमेट बनाने तथा एक साथ कार्य कराने से इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए अच्छे से कार्य करने तथा सुरक्षा के मानकों का पालन करने में समझौते की स्थिति आती है। सिविल कॉन्टै्रक्टर्स ही इलैक्ट्रिकल कार्य को करवाते है। बैठक में इस व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए समस्त कार्यदायी संस्थाओं से सुझाव लिये गए।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून-(बड़ी खबर) 25 से 28 सितंबर तक CM धामी के नेतृत्व में ब्रिटेन जाएगा डेलिगेशन

कार्यदायी संस्थाओं से सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने सख्त हिदायत दी कि सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदंड हैं, उन मानदण्डों के अनुसार ही उपकरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए। एसीएस ने कड़े निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट या कार्य पूर्ण होने के उपरान्त भी सुरक्षा मानक निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप बने रहने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान में कार्यरत मजदूरों के अलावा उस भवन, प्रोजेक्ट या मशीनरी में कार्य पूर्ण होने के बाद लगाये जाने वाले श्रमिकों या कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना तथा सुरक्षा मानकों का समय समय पर परीक्षण करवाया जाना आवश्यक है। बैठक में इसे सुनिश्चित किये जाने का निर्णय लिया गया।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून-(बड़ी खबर) इन जिलों में भारी बारिश के आसार

बैठक में यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि सिविल और इलैक्ट्रिकल वर्क का एक ही एस्टीमेट बन जाने से इलैक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर्स जो छोटे ठेकेदार है या अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ है, उनके कार्य से वंचित होने की भी समस्या आती है। इस व्यवस्था में परिवर्तन से उनकी दक्षताओं का उपयोग भी इलैक्ट्रिकल कार्यो में किया जा सकेगा। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं के लिए सिविल वर्क एवं इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए स्पष्ट अलग अलग व्यवस्था, सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदण्डों का पालन, मजदूरों व कार्मिकों के प्रशिक्षण एवं सुरक्षा मानकों के परीक्षण से सम्बन्धित नई नीति तैयार करते हुए उसे समस्त कार्यदायी संस्थाओं पर लागू किया जाने का उच्च स्तरीय निर्णय लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  Breaking News- अब आयुष्मान कार्ड बनाने में नहीं होगी कोई दिक्कतः डॉ. धन सिंह रावत

बैठक में सचिव श्री वी षणमुगम, अपर सचिव श्री जगदीश कांडपाल, श्री थपलियाल तथा विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।


खबर शेयर करें -
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -

👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

हमारे इस नंबर 7017926515 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें

[wp-post-author]
Subscribe
Notify of

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments