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उत्तराखंड – यहां न मिला ठौर तो कलमठ को बनाया आशियाना… दुर्दशा..

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सिस्टम से परेशान और घर जाने की तलाश में अपने देश की सीमा पर फंसे हुए नेपाली नागरिक दुर्दशा में दिन काटने को मजबूर हैं ऐसी ही एक तस्वीर झुलाघाट से सामने आई है जहां आठ नेपाली नागरिक रमेश रोकाया, शिव रोकाया, भीम बहादुर, मनबहादुर बोरा, एकेंद्र बोहरा, काशी बोहरा, चंद्र बोहरा, धनबहादुर बोरा कलमठ में अपना आशियाना बना कर दिन काटने को मजबूर हैं क्योंकि नेपाल सीमा 13 मई तक सील की गई है

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रामेश्वर घाट में खनन का काम करने वाले आठ नेपाली नागरिक 2 मई से यहां हैं ऐसे में यह लोग बिस्कुट और कच्ची मैगी खा कर अपना पेट भर रहे हैं और इसी कलमठ के अंदर रात गुजार रहे हैं उधर प्रशासन को भी इनकी जानकारी नहीं है जागरण अखबार में लगी खबर के मुताबिक एसडीएम सदर तुषार सैनिको नेपाली नागरिकों के कलमठ में रहने की कोई जानकारी नहीं मिली है और जानकारी जुटाने के लिए राजस्व टीम को वहां भेजा गया है।

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